इस लेख में आप जानेंगे कि Nominee क्या होता है (Nominee Kya Hota Hai) और नॉमिनी कौन बन सकता है? जब भी हम कही कोई bank account खोलते हैं, तब हम खाता धारक होते हैं । कभी कोई policy लेते हैं । कोई insurance कराते हैं । तब हम उसमे अपने बहुत सारे पैसे लगाते हैं ।
उससे हमारी बहुत सारी उम्मीदें जुड़ी होती हैं । हमारे जाने कितने सपने जुड़े होते हैं । हमारे मन में हमारे सुखमय और सुनहरे भविष्य की कल्पनाये उमंगे लेने लगती है ।
ऐसे में अगर खाता धारक की अचानक दुर्भाग्यवश मौत हों जाती हैं, तब घर वालों के व उस इंसान के सपने भी टूट जाते हैं । तब ऐसे समय में हमें याद आता हैं खाता धारक के उन पैसों और बीमा की जो खाता धारक नें जाने कितनी उम्मीदों और कठिनाइयों से जमा किया होता है ।
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मगर सोचिये अगर वही पैसा उस मृत खाता धारक के परिवार वालों को कभी मिले ही ना तो । ऐसी ही विषम परिस्थितियों के लिए खाता धारक को अपने बीमा, पॉलिसी, के लिए किसी ना किसी को अपना नॉमिनी बनाने की सलाह दी जाती हैं ।
इस आलेख में हम नॉमिनी से जुड़े अपने कई महत्वपूर्ण प्रश्नों के जवाब जानेंगे जिससे Nominee क्या होता है ? नॉमिनी कौन बन सकता हैं? उसकी क्या भूमिका होती हैं ? उसके अधिकार क्या क्या होते हैं?
Nominee क्या होता है ? Nominee Kya Hota Hai
Contents
यदि किसी व्यक्ति ने bank में अपने नाम से account open किया है और उसमें उसके पैसे जमा होते हैं । तो उस व्यक्ति को खाताधारक कहा जाता है । किसी कारण से यदि खाता धारक की death हो जाती है । तो उसके खाते में जितनी भी राशि है, वह राशि उस खाताधारक के नॉमिनी को प्राप्त होती हैं या उसके सुदूर्प कि जाती हैं ।
कहने का मतलब यह है कि खाताधारक का खाते में जमा पैसा जिस व्यक्ति को मिलता है वह उसका केयरटेकर या संरक्षक होता है । सीधे शब्दों में अगर कहे तो Nominee का मतलब होता है नामित व्यक्ति ।
नॉमिनी कौन बन सकता है?
यह सवाल उठना लाजमी है, कि नॉमिनी कौन बन सकता है? नॉमिनी परिवार का कोई सदस्य, रिश्तेदार,दोस्त या भरोसेमंद व्यक्ति को बनाया जा सकता है जो आपके भरोसे पर खरा उतरता हो और जो कानूनी प्रक्रियाओं को थोड़ा बहुत जानता समझता हो ।
Nominee की जरूरत कहा कहा पड़ती है?
वास्तव में नॉमिनी की जरूरत, खाता धारक की मृत्यु के पश्चात ही पड़ती है । Nominee के रहने से पैसे के लिए कर्म करना आसान होता है और बहुत सारी कानूनी कार्यवाही भी आसानी से तलाशी जाती है और claim का पैसा जल्दी मिल जाता है ।
Nominee क्यों बनाया जाता है?
खाता धारक की मृत्यु के उपरांत bank से आसानी से insourance का पैसा परिवार वालों को प्राप्त हो इसके लिए नॉमिनी का नियुक्त किया जाना अति आवश्यक है । Nominee ना होने की वजह से कई लोगों के पैसे बैंक में ही अटक जाते हैं और खाताधारक के परिवार वालों को इंश्योरेंस का कोई भी लाभ प्राप्त नहीं हो पाता है ।
Nominee कब बनाया जा सकता है?
यूं तो खाताधारक जब बैंक में अकाउंट खोलता है, इंश्योरेंस करता है, या कोई भी पैसे से संबंधित banking का काम करता है, तब नॉमिनी नियुक्त करने का फॉर्म भरता है। कई बार उस टाइम नॉमिनी का नाम नियुक्त नहीं कर पाने की वजह से नॉमिनी का नाम छूट जाता है ।
ऐसी स्थिति में बाद में भी नॉमिनी नियुक्त किया जा सकता है। यह काम बैंक में जाकर अथवा online भी किया जा सकता है।
क्या Nominee बदल सकते है? अगर हा तो कैसे?
खाताधारक यदि चाहे तो नॉमिनी कभी भी बदल सकता है । विभिन्न परिस्थितियों में भी नॉमिनी को बदला जा सकता है जैसे कि नॉमिनी की मृत्यु हो जाने पर, किसी अन्य सदस्य को पैसे की अत्यधिक आवश्यकता पड़ जाने पर ।
शादी हों जाने कि स्थिति में भी नॉमिनी बदला जाता है। तलाक हो जाने की स्थिति में भी नॉमिनी को बदल दिया जाता है ।
खाताधारक यदि चाहे तो बैंक खाते के नॉमिनी को भी बदल सकते हैं । Online Website पर जाकर भी खाताधारक नॉमिनी नियुक्त कर सकता है अथवा उसे बदल सकता है ।
निष्कर्ष
इस लेख में आपने Nominee क्या होता है (Nominee Kya Hota Hai), नॉमिनी क्या है?Nominee कौन बन सकता है? Nominee की जरूरत कहा कहा पड़ती है? Nominee क्यों बनाया जाता है? Nominee कब बनाया जा सकता है?क्या Nominee बदल सकते है? अगर हा तो कैसे? आदि के बारे में पूरी जानकारी ली है।
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